रुके ना हम – हारे ना हम

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May 2, 2022
ରଦ୍ଦି
May 18, 2022

इतनी जल्दी हार गए ?

इतनी जल्दी थक गए ?

यह भारतबर्ष है दोस्तों

एक देश नहीं, एक चेतना है

एक उन्नत संभाबना है I

ज्योतिर्मय (Jyotirmay), एक चमकता नक्षत्र है ।

यह अजय (Ajay) है, अमित (Amit) है और अमिटभी ;

प्राच्य की प्रान्त है श्रेष्ठ

सदा विश्वगुरु था, है और रहेगा भी I

भरत राजेश (Rajesh) ने की है विकास (Vikas)

स्थूल , सूक्ष्म चेतना की किया  है प्रभास (Pravas)I

बस इतने में ही हार गए ?

देवाशीष (Debashish) से संजोया है

इसके हिमाद्रि (Himadri), अनिल (Anil), समीर (Sameer, Samir), समीरण (Samiran)

बनश्री (Banashree) की भी सम्भार न्यारा है I

जयजयकार (Jayanarayan) करते हैं कविवर (Kabibar)

लिपिका (Lipika) की लेखनी भी असम्पूर्ण है,

इसकी पूजा (Pooja) करने में सारा विश्व मगन (Magna) है I

कीर्ति (Kirti Vashishth)अभी भी प्रदीप्त (Pradipta) है

गौरीशंकर (Gourishankar), शिवांजलि (Shivanjali) की

अंतर्यामी (Antaryami) की, कृष्ण (Krushnachandra/ KC) गोपाल (Gopalkrishna)की

कृपासिंधु(Krupasindhu) वारि से

भवानी (Bhabani Shankar)-भारती को सदा सराहा है I

आर्तत्राण (Artatran)  ने पुकार सुनी है

जब भी संतानों ने गुहार लगाई है

शिवपुत्र (Shiv) गणेश (Ganesh) जी ने हर विघ्न का नाश किया है I

सुब्रत (Subrat) संतों ने बारबार इसका उत्थान किया है I

बस इतने में ही थक गए ?

अस्मिता (Asmita) हमने संजोए रखा

रवि (Ravishankar)की तरह नरेन्द्रों (Narinder) ने चमका

यश -दीपक (Deepak) की रश्मि (Rashmi) बिखेर

प्रतापी (Pratap) राजवीरों (Rajveer) ने जगत को जीता I

एक मोनालिसा (Lisa) की हास्य के दीवनों

यहाँ हर ललना सस्मिता (Sasmita) है , मधुस्मिता (Madhusmita) है ;

हर हँसी पे जिनकी सुमन (Suman) झरता है I

हर युवक यहाँ श्रीकांत (Shrikant), स्वरुप (Swaroop),

राजकुमार (Rajkumar) और सत्यप्रिय (Satyapriya) है

संजय (Sanjay) हैं, सुशांत (Sushant) हैं, मन्मथ (Manmath) की कान्ति  हैं

पर मातृभूमि की रक्षा के लिए

हर एक खूँखार सरदार (Sardar Jaydev Deo)  है I

वियत (आकाश) (Viyatprajna) की तरह अखंड, असीम है ज्ञान इसकी

स्वयंप्रज्ञा (Swayampragyan) की ज्ञान से संसार को

सरितामृत(Sarita) पिलाया है;

अनीता (Anita) की तरह ख़ुशी बिखेरता ,

सुनीता (Sunita) जैसी प्रज्ञा प्रज्वलित

आज भी निहारिका (Niharika) जैसी चमक रही है ,

और तुम इतने में ही अस्त्र त्याग दिए ?

यह धरा है देवेन्द्रों (Devendra) की लीलाओं(Leelavati) की ,

देवीदत्त (Devidutta)-, मासांगों (Masang= God)कीआशीर्वाद  भरा है,

“बसुधैव कुटुम्बकम” की मंत्र की

ममता (Mamta) से

सारे जग को एक माला में पिरोया है I

फकीरों (Fakir) ने ठाकुरों (Thakura) की धन को ठुकराया है

आत्मज्ञान की प्रसाद कभी साईं (Sai Prasad) बन बाँटी

कभी दिलीप (Dilip) बन रघुवंश बनाया I

करुणामयी (Karuna) है जो भूमि

नीति (Niti) संस्कृति से झंकृत है ,

नेलन (Nelan= seer), निरंजन (Niranjan) अति हर्ष विनोद (Binod) से

प्रशांत (Prashant) ह्रदय से स्वागतिका (Swagatika) बन

सबको स्वागत किया है ;

“अतिथि देवोभव” की भावना से अनुरणित

यह आर्यभूमि सबको सराहा है ;

इसलिए तो विश्व हमेशा भारतमाता की वंदन (Vandana) की है I

 

प्रलय अभी कोशों दूर है बंधुओं

अभी तो हमें विश्व जीतना (Biswajit)है I

न अस्त्र से, न शस्त्र से

गीता (Geetanjali) की वार्ता से रीत (Rita)बदलनी है

संसार को चिन्मय (Chinmay), अंतर्मुखी बनानी है I

 

सफ़ेद फ़ौज है अपनी

गोपबंधु (Gopabandhu)की तरह त्यागी बैरागी बन

जनसेवा की प्रीत(Preetam) मौसूमी (Mousumi) बहानी  है I

अभी भी प्रदीप (Pradeep Narayan)प्रज्वलित है

सनत (Sanat), सौनक की भूमि ज्ञान से

सेवा, संजीव (Sanjeev) धारा  है जो

विवेक(Vivek) से भरा है

संतोष (Santosh)की धारा बहानी है I

 

शीतिकण्ठ (Shitikantha)की तरह करोना का  गरल जो पीना है !

लेकिन  हिमांशु (Himanshu), अर्धेंदु (Ardhendu) की तरह सोमामृत (Soma)

संसार को पिलाना है I

प्राची (Prachi) आकाश में सविता (Savita) का आगमन तो देखो

प्रभातनालिनी(Pravatnalini) देख लजा रही है

घने छाँव में कहीं रॉबीन (Robin Ratan) गा रहा है ,

छट रही घन अंधकार है I

रुक जाना नहीं, थक जाना नहीं

थोड़ी साँस भले ही ले लो,

सकारात्मक उर्ज़ा से जग को जगाना है

यह अस्त्रबिहीन युद्ध है यारों

थोड़ी देर आगे नया सवेरा है I

 

We are not immune to depression, especially when we see so many deaths happening around us due to an unseen force. But this is the time to boost our morale and gather ourselves up and do our duty. We are the captain of the ship, who can’t quit before others.

Few have suffered themselves, few have lost their near and dear ones, the panic at times gripping them even more than the common man because they know the Science…..

To boost morale of our COVID warriors who are sweating out trying to cure the patients, fretting over changed guidelines, newer twists in patient outcomes, penned down few lines for them.

This time it is in Hindi and in a unique way…wrapped all the names of my MBBS batchmates and also mentioned their names in English. But it is a tribute to all the COVID warriors across the country. Jay Bhabani Bharati🙏❤❤

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